एसटीएफ ने बचाई 2 लोगों की जान, बिहार के एएसआई रहे शख्स का था बहुत खतरनाक प्लान

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समस्तीपुर: अगर बिहार STF की टीम सिर्फ दो दिन और देर कर देती तो प्रिंस मुखिया और नवीन सिंह की हत्या तय मानी जा रही थी. समय रहते समस्तीपुर पुलिस और STF की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर इस खौफनाक प्लान को नाकाम कर दिया. ये मामला जितना चौंकाने वाला है उतना ही अजीब भी है क्योंकि इस हत्या की साजिश रचने वाला कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि राज्य पुलिस का एक निलंबित एएसआई सरोज सिंह था.

दोस्ती से दुश्मनी तक का सफर
सरोज सिंह जिन दो लोगों को निशाना बना रहा था वे कभी उसके करीबी माने जाते थे. मामला 100 बीघा जमीन को लेकर उलझा और यहीं से दोस्ती दुश्मनी में बदल गई. गंगा किनारे दियारा क्षेत्र की यह जमीन विवादित है और इस पर किसी का आधिकारिक कब्जा नहीं है. इसी जमीन पर वर्चस्व को लेकर सरोज सिंह और उसके पूर्व साथियों के बीच टकराव शुरू हुआ. सूत्रों के मुताबिक जमीन की इस जंग में सरोज ने अपने पुराने साथियों को ही खत्म करने की साजिश रच डाली थी.

पुलिस की वर्दी से अपराध की राह पर
सरोज सिंह कभी बिहार पुलिस में सिपाही था. प्रमोशन पाकर एएसआई बना लेकिन, उसकी जिंदगी तब बदलने लगी जब उसे जेल में बंद एक बाहुबली पूर्व विधायक का बॉडीगार्ड बनाया गया. यहीं से उसके संबंध हाई प्रोफाइल और आपराधिक दुनिया से बनने लगे. जमीन माफिया, हथियार तस्कर और स्थानीय दबंगों से मेलजोल बढ़ा और वह धीरे-धीरे खुद को कानून से ऊपर समझने लगा. स्थानीय लोगों के अनुसार, गंगा दियारा में वर्चस्व के लिए सिर्फ प्रभाव नहीं बल्कि भारी हथियारों की जरूरत होती है. सरोज सिंह ने लंबी रेंज की राइफलों का जखीरा इकट्ठा करना शुरू कर दिया.

अपराध का रिकॉर्ड चौंकाने वाला
सरोज सिंह पर दर्ज मुकदमों की फेहरिस्त देखकर किसी के भी होश उड़ सकते हैं क्योंकि वह एक राज्य रक्षक के रूप में तैनात थे. उनके ऊपर इस तरह का अपराधिक इतिहास के मामले सामने आने लगे तो हर कोई हैरान रह गया. सरोज पर गंभीर धाराओं में 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें हत्या की कोशिश, हमला, धोखाधड़ी, बलवा, हथियार एक्ट और हाल ही में बीएनएस की कई धाराएं शामिल हैं.

मोहिद्दीन नगर थाना में दर्ज हैं ये मामले

1. कांड सं. 61/23 – धारा 307 समेत कई संगीन आरोप

2. कांड सं. 33/18 – मारपीट, धमकी और चोरी

3. कांड सं. 34/18 – जानलेवा हमला और बंधक बनाना

4. कांड सं. 42/20 – छेड़खानी, बलवा और धोखाधड़ी

5. कांड सं. 69/14 – अवैध कब्जा, चोरी

6. कांड सं. 16/22 – आगजनी और बलवा

7. कांड सं. 294/24 – बीएनएस की धारा 308(2)(3), आर्म्स एक्ट

8. कांड सं. 295/24 – हत्या की कोशिश, षड्यंत्र

9. कांड सं. 297/24 – झूठा बयान, हत्या की तैयारी

STF की कार्रवाई से बची जान
बताते चलें कि बिहार STF और समस्तीपुर पुलिस की सजगता और तत्परता की वजह से दो जिंदगियां बचाई जा सकीं. प्लान के अनुसार, प्रिंस मुखिया और नवीन सिंह को टारगेट कर खत्म करने की योजना बनाई गई थी. इसकी भनक मिलते ही पुलिस ने ऑपरेशन चलाया और इस खतरनाक साजिश को नाकाम कर दिया.



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