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Purnia Engineering College: बिहार के पूर्णिया अभियंत्रण महाविद्यालय में नामांकन शुल्क मात्र ₹10 है. इस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार के अनुसार यहां के स्टूडेंट विदेशों में भी बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं. इ…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- पूर्णिया अभियंत्रण महाविद्यालय में नामांकन शुल्क मात्र ₹10 है.
- यहां के छात्र विदेशों में भी बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं.
- कॉलेज में 7 ब्रांच हैं, जिसमें सिविल, इलेक्ट्रिकल आदि शामिल हैं.
बता दें कि बिहार सरकार लगातार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है. ऐसे में बिहार सरकार की तरफ से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कई तरह के सुविधा भी उपलब्ध कराया जाता है. बता दें कि बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल से बिहार के इस इंजीनियरिंग कॉलेज में अब पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को मात्र 10 का शुल्क देना पड़ता है.
वहीं, पूर्णिया अभियंत्रण महाविद्यालय पूर्णिया के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार कहते हैं कि बिहार सरकार की पहल से बिहार के इस इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को ये सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि बिहार के इस इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकन के लिए मात्र 10 रुपए का शुल्क टोकन मनी के रूप में देना पड़ता है. जहां छात्र 10 रुपए का भुगतान करके बच्चे पढ़ाई करते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं इंजीनियर की पढ़ाई करते हैं और यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं इंजीनियर बनकर देश ही नहीं विदेशों में भी अपना डंका बजा रहे हैं.
पूर्णिया राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय के प्राचार्य मनोज कुमार कहते हैं कि यहां पर इंजीनियरिंग करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए कुल 7 ब्रांच हैं. जहां सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन, मेकाट्रॉनिक्स, मैकेनिकल्स, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढाई कराई जाती है. उन्होंने कहा कि इस कॉलेज 30 सीटें हैं, जो अन्य ब्रांच के लिए 60 अलग-अलग सीटें है.
जानें कैसे होता है कॉलेज में नामांकन
पूर्णिया के इस कॉलेज में नामांकन लेने के लिए छात्रों को बीसीसीई (BCCE/JEE) के तरफ से निकाली गई परीक्षा पास करना पड़ता है. नहीं तो जेईई पास आउट छात्रों का काउंसलिंग कर नामांकन लिया जाता है. वहीं, नामांकित छात्रों को अनुभवी और योग्य ट्रेनर और एचओडी के द्वारा छात्रों को योग्य इंजीनियर बनाया जाता है. ताकि वह जहां कही भी रहें, बिहार का डंका बजाते रहें.