आखरी अपडेट:
Muzaffarpur Aam Ka Achar Recipe: बिहार में मुजफ्फरपुर के पताही गांव में सुमन देवी का खट्टा-मीठा आचार चर्चा का विषय बना हुआ है. उनके आचार की खासियत और शुद्धता ने आसपास की महिलाओं को स्वरोजगार का रास्ता दिखाया है…और पढ़ें
सहयोगी के साथ आचार बनाती सुमन देवी
हाइलाइट्स
- सुमन देवी का आचार मुजफ्फरपुर में सुपरहिट हुआ.
- आचार की शुद्धता और स्वाद ने महिलाओं को स्वरोजगार सिखाया.
- सुमन देवी 35 साल से आचार बना रही हैं, कोई केमिकल नहीं मिलातीं.
मुजफ्फरपुर: बिहार में मुजफ्फरपुर के पताही गांव में इन दिनों आम के सीजन का देसी स्वाद खूब देखने को मिल रहा है. यहां की सुमन देवी का खट्टा-मीठा आचार पूरे गांव और आसपास के कई गांवों में चर्चा का विषय बन गया है. उनके हाथ के बने आचार का ऐसा स्वाद है कि जो एक बार चख ले, बार-बार आचार के स्वाद की मांग करता है.
सुमन देवी के बनाए आचार की खुशबू और स्वाद ने लोगों को इतना प्रभावित कर दिया है कि अब आसपास की महिलाएं भी उनसे यह देसी नुस्खा सीखने लगी हैं. चाहे आम का अचार हो, नींबू का या मिर्ची का, हर एक में खास देसी अंदाज और हाथों का स्वाद है.
सुमन देवी बताती हैं कि जब वह 10 साल की थी. तब वह यह तरीका अपनी मां से सीखी थी. वह पिछले 35 सालों से हम लगातार आचार बना रही हैं. सबसे अच्छा आचार शुकुल आमा का होता है. इसमें इस्तेमाल होने वाले मसाले वह खुद तैयार करती हैं और इसमें कोई केमिकल नहीं मिलाती हैं. आज जब लोग इसे पसंद कर रहे हैं तो अच्छा लगता है. वह कभी नहीं सोची था कि उनके आचार की इतनी डिमांड होगी.
आसपास की महिलाओं के लिए यह सिर्फ स्वाद की बात नहीं है. बल्कि एक स्वरोजगार का रास्ता भी बनता दिख रहा है. आम के सीजन में कई महिलाएं अब अपने-अपने घरों में आचार बनाने के लिए सुमन देवी से सीख ले रही हैं.
एक महिला सोनी कुमारी कहती हैं कि सुमन दीदी का आचार एकदम खास है. हमने भी सोचा कि उनसे सीखकर कुछ करें. हम लोग आम के सीजन का इंतजार करते हैं और बाहर से आचार नहीं खरीदते हैं. आचार में डालने वाले सभी मसाले खुद तैयार करती हैं, जो पूरी तरह से देसी होते हैं. आज जब बाजार में हर चीज में मिलावट का डर होता है, तो सुमन दीदी का शुद्ध देसी आचार दिल और स्वाद दोनों को जीत रहा है. यही कारण है कि उनका आचार लोगों की पहली पसंद बन रहा है और रिश्तेदार भी इसकी खूब डिमांड करते हैं.