नालंदा. देश का सांप्रदायिक माहौल भले ही कुछ भी हो. उससे यहां के लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता है. यहां पर हिन्दुओं ने वर्षों से मुसलमानों की विरासत को संभालकर रखा है. नालंदा के बेन प्रखंड स्थित माड़ी गांव के मस्जिद की सेवादारी की जिम्मेदारी यहां के हिंदू परिवारों की है. गांव में किसी की बारात आने और जाने से पहले इस मस्जिद में दर्शन और प्रणाम का रिवाज है.
बाढ़ के कारण लोग कर रहे थे पलायन
स्थानीय लोग बताते हैं कि 20वीं सदी के शुरुआत में ही लगातार बाढ़ की समस्या से परेशान होकर यहां के मुस्लिम परिवार पलायन करने लगे. स्थानीय लोगों के अनुसार गांव के चारों ओर नदी है. पहले यहां रोड की सुविधा नहीं थी, आवाजाही के लिए कोई भी स्थाई जरिया मौजूद नहीं था. बाढ़ग्रस्त क्षेत्र होने के कारण लिहाजा सब यहां से पलायन करने लगे.
हिन्दू करने लगे मस्जिद की देखभाल, रोचक है ये किस्सा
वक्त के साथ यहां मुसलमानों की संख्या शून्य हो गई. ऐसे में इस गांव में बने मस्जिद को यहां के हिंदुओं ने संभाला. यहां के हिन्दू ग्रामीणों ने मस्जिद में नमाज देना भी शुरू कर दिया. यहां पांचों वक्त की नमाज होने लगी और किसी भी शुभ अवसर पर यहां के हिंदू इस स्थल को मंदिर की तरह तवज्जो देने लगे. उसके बाद से ही अब यहां रोजाना पूजा और आरती दिखाई जाती है. किसी भी शुभ अवसर पर लोग यहां पहुंचकर पीर बाबा का आशीर्वाद लेते हैं. उसके बाद ही किसी और काम को पूरा करते हैं.
खुश हैं यहां के लोग
मस्जिद का काम करते हुए यहां के लोगों के चेहरे पर शिकन भी नहीं है. वो इसको करते हुए काफी खुश रहते हैं. स्थानीय लोग रोजाना मंदिर की तरह ही मस्जिद की देखभाल और पूजा अर्चना करते हैं. गांव की आबादी लगभग 4000 है. गांव की दूरी प्रखंड मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर है.
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पहले प्रकाशित : 5 दिसंबर, 2024, 12:02 अपराह्न IST