आईएएस बनना चाहती थीं ‘द साबरमती रिपोर्ट’ एक्ट्रेस राशि खन्ना, बताई अपनी जर्नी

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एबीपी साउदर्न राइजिंग समिट में राशि खन्ना: ठीक 11 साल पहले साल 2013 में बॉलीवुड फिल्म ‘मद्रास कैफे’ से बॉलीवुड डेब्यू करने वाली राशि खन्ना भी आज एबीपी नेटवर्क के सदर्न राइजिंग समिट के दूसरे संस्करण में शामिल हुईं. उन्होंने यहां ‘एक्टिंग अक्रॉस प्लेटफॉर्म नथिंग फर्जी अबाउट इट’ टॉपिक के तहत बात की.

तमन्ना भाटिया के साथ वो हाल में ही तमिल हॉरर कॉमेडी ‘अरनमनई 4’ में दिखी थीं. महज 40 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 100 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस किया था.

‘द साबरमती रिपोर्ट’ पर क्या बोलीं राशि खन्ना?

इस सेशन में राशि खन्ना से उनकी आगामी फिल्म साबरमती रिपोर्ट को लेकर चेतन भगत ने सवाल किया. उन्होंने पूछा कि फिल्म में किस बारे में हैं.

इसके जवाब में राशि खन्ना ने बताया कि हमने सच को अलग तरीके से दिखाया है. राशि खन्ना ने बताया कि गोधरा घटना को लेकर लोगों को अलग-अलग सच के वर्जन हैं. हमने फिल्म को सुप्रीम कोर्ट वर्डिक्ट पर आधारित बनाया है.

दिल्ली में पली-बढ़ी एक्ट्रेस बनीं क्वीन ऑफ तेलुगु, पढ़ाई में थीं टॉपर

चेतन भगत ने राशि खन्ना से कहा कि आप वेस्ट दिल्ली से हैं. आप क्वीन ऑफ तेलुगु कही जाती हैं. आप लेडी श्रीराम कॉलेज से पढ़ी हैं. आपके क्लास 12 में क्या पर्सेंटेज आए थे.

राशि खन्ना ने जवाब दिया कि- मैंने 91 प्रतिशत पाए थे. मैं फ्रंट बेंचर थी. मैंने स्कूल और कॉलेज दोनों को टॉप किया है. मैं आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थी. मैं तो कॉपी राइटर, नैनोटक्नॉजिस्ट और टीचर भी बनना चाहती थी. लेकिन फिर मैं एक एक्टर बन गई.

राशि ने आगे कहा कि मेरे पैरेंट्स बहुत सपोर्टिव रहे हैं. उन्होंने मुझे मुंबई जाने दिया. हालांकि, एक्टिंग दुनिया की सबसे इनसिक्योर जॉब है, क्योंकि कई बार आपको महीनों बैठना होता है. लेकिन मैंने बहुत सी फिल्में की हैं. हर इंडस्ट्री में फिल्में की हैं. इसलिए उन सारी इंडस्ट्रीज का शुक्रिया.

एक साल में 4 फिल्में की जा सकती हैं आराम से

राशि ने कहा एक फिल्म 45 दिनों में खत्म हो जाती है तो आप आराम से 4 फिल्में कर सकते हैं. इसलिए मैं आराम से 4 फिल्में कर लेती हूं. इसलिए मेरी हर साल इतनी सारी फिल्में आती हैं.


क्या बॉलीवुड रियल सिनेमा है?

चेतन ने पूछा कि क्या आपको लगता है कि आप साउथ में इतनी फिल्में कर रही हैं लेकिन आपने हिंदी में कम काम किया है. क्या कभी ऐसा लगता है कि या कोई सेंटीमेंट है कि हिंदी फिल्मों काम क्यों नहीं कर पा रहे?

चेतन ने आगे ये भी पूछा कि क्या आपको लगता है कि रीजनल सिनेमा में आपको वो नहीं मिल रहा है जिसे आपकी जरूरत है.

इसके जवाब में राशि खन्ना ने कहा कि देखिए साउथ की फिल्में बहुत अच्छा कर रही हैं. वो ऑडियंस तक पहुंच रही हैं. और ये इंडियन सिनेमा है, न कि नॉर्थ या साउथ. जब मैं छोटी थी तो मुझे लगता था कि साउथ फिल्म में सिर्फ गाने-डांस होते हैं. लेकिन मैं गलत थी. वहां बहुत अच्छी फिल्में बनती हैं.

क्या लोग टिकट लेकर कम फिल्में देख रहे हैं अब?

राशि से अगल सवाल पूछा गया कि क्या मोबाइल में ही एंटरटेनमेंट आने के बाद टिकट रेट्स और दूसरे खर्चों से बचने के लिए लोग कम थिएटर जा रहे हैं.

इसके जवाब में राशि कहती हैं-हां ऐसा हो रहा है कि लोग बहुत सी अच्छी फिल्मों का इंतजार करते हैं और ओटीटी पर आकर देखते हैं. लेकिन मैं इस बारे में रियल पिक्चर नहीं बता सकती. वो आपको प्रोड्यूसर्स ही बताएंगे. क्योंकि ये सबसे ज्यादा उन्हें प्रभावित करता है. हमें तो लोग ओटीटी और थिएटर्स दोनों जगह लोग देख ही रहे होते हैं.

शादी के बारे में क्या बोलीं राशि खन्ना?

मैं शादी करना चाहती हूं और मैं बच्चे भी पसंद करती हूं. तो मैं उस मोमेंट को फील करना चाहती हूं. मैंने बहुत से लोग देखे हैं जो शादी करके अच्छी लाइफ जी रहे हैं. इसलिए मैं भी शादी के बाद बता पाउंगी कि शादी कैसी है.

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