भारत शिखर सम्मेलन 2025 के विचार: एबीपी न्यूज के आइडियाज ऑफ इंडिया समिट के चौथे संस्करण की शुरुआत हो चुकी है. इस इवेंट में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के दो बड़े दिग्गज कलाकार आए हैं. जिनमें से एक तबला मेस्ट्रो जाकिर हुसैन के छोटे भाई उस्ताद तौफीक कुरैशी हैं और दूसरे तबला प्लेयर बिक्रम घोष हैं. विक्रम घोष और उस्ताद तौकीर कुरैशी ने ‘वाह उस्ताद’ में शास्त्रीय संगीत के बारे में बात की.
तौफीक कुरेशी ने बचपन का सुनाया किस्सा
तौफीक कुरैशी ने बताया कि 70 के दशक में मेरे पिताजी ने बजाना कम और सिखाना शुरू कर दिया था. वो ट्रैवल कम करते थे और सिखाते ज्यादा थे. उन्होंने अपना एक स्कूल खोला था. स्कूल में एक महाशय आए और उन्होंने कहा मेरा बच्चा बहुत अच्छा बजाता है. उस बच्चे ने बजाया, अच्छा हाथ था उसका. मैं भी बैठा था तो पिताजी ने कहा इसका नाम लिख लो. उसके बाद उनका अगला सवाल था- खान साहब मेरा बच्चा जाकिर जैसा कितने सालों में बजाने लगेगा. मेरे अब्बाजी ने मेरी तरफ देखा और कहा देखिए ये है और इससे बड़ा एक और भी है. मुझे ये नहीं पता ये उसकी तरह कब बजाएंगे तो मैं आपके बच्चे के बारे में कैसे कह सकता हूं.
https://www.youtube.com/watch?v=idjnf4_hsow
9 साल की उम्र में बिक्रम घोष ने किया था पहला कॉन्सर्ट
तबला प्लेयर बिक्रम घोष ने अपने बचपन के कई किस्से शेयर किए. उन्होंने बताया कि 9 साल की उम्र में पहला कॉन्सर्ट किया था. उन्होंने कहा- 9 साल की उम्र में मैंने बजाया. उस कॉन्सर्ट में 100-150 लोग थे. सबने सुनकर बहुत बोला कि क्या बजा रहा है. पिताजी को बोला आपका बच्चा क्या बजा रहा है. हम घर पर आए और पिताजी ने मुझसे कहा-अब 10 साल तक नहीं बजाने का है क्योंकि उन्हें लगा कि इससे लगाव हो जाएगा. ये जो प्रशंसा है इससे लगाव हो जाएगा तो रियाज नहीं करेगा. मैंने उसके बाद बजाया ही नहीं कहीं. उसके बाद सीधे 19 साल की उम्र में बजाया.
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