कोलकाता लॉ कॉलेज यौन हमला मामला: कोलकाता के लॉ कॉलेज में घटित सामूहिक दुष्कर्म मामले में कोलकाता पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. कोलकाता पुलिस ने शनिवार (5 जुलाई, 2025) को कहा कि साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 25 जून को छात्रा का यौन शोषण करने के बाद तीनों आरोपियों ने अपराध की जगह (कॉलेज के गार्ड रूम में) पर ही बैठकर कई घंटों तक शराब पी थी.
इसके अलावा, सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद के साथ मिलकर डिनर पर जाते हुए कॉलेज के सुरक्षा गार्ड को चुप रहने की धमकी भी दी थी.
जांच अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, “अपराध को अंजाम देने के बाद तीन आरोपियों ने गार्ड रूम में ही बैठकर शराब पी और सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को इस मामले में अपने मुंह बंद रखने की धमकी दी थी.”
अधिकारी ने आगे कहा, “इसके बाद तीनों आरोपियों ने अपने-अपने घर लौटने से पहले ईएम बाइपास पर एक ढाबे में खाना खाया था.”
पूरी प्लानिंग के साथ अपराध को दिया गया था अंजाम- कोलकाता पुलिस
इस मामले में जांचकर्ताओं का मानना है कि यह सामूहिक दुष्कर्म कोई अचानक की गई घटना नहीं थी, बल्कि यह एक सोचा समझा और पूरी प्लानिंग के साथ किया गया हमला था. पुलिस अधिकारी के मुताबिक, कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (CDRs) से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इस अपराध को अंजाम देने से पहले आरोपियों के बीच कई बार बातचीत भी हुई थी.
अपराध को अंजाम देने के बाद मदद मांगने के लिए भटकता रहा आरोपी मोनोजित
जांच में आगे इस बात की खुलासा हुआ है कि मुख्य आरोपी मोनोजित ने अगले दिन (26 जून) को मदद मांगने की भी कोशिश की थी. 26 जून को मोनोजित ने देशप्रिय पार्क में रहने वाले प्रभावशाली शख्स के साथ संपर्क किया था. जांच में पता चला कि इस व्यक्ति ने पहले भी मोनोजित की मदद की थी.
हालांकि, अधिकारी ने कहा कि इस बार उस शख्स ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए मोनोजित की मदद करने से इनकार कर दिया. उस शख्स के मदद के लिए मना करने के बाद मोनोजित ने शहर के अलग-अलग हिस्से में रहने वाले अपने कई मेंटर्स से भी फोन कर उनसे मदद मांगने की कोशिश की.
अधिकारी ने कहा, “मोनोजित अपने मेंटर्स से मिलने की कोशिश में शहर के रासबिहारी, देशप्रिय पार्क, गरियाघाट, फर्न रोड और बल्लीगंज स्टेशन समेत शहर के कई हिस्से में घूमता रहा. मोबाइल टॉवर डेटा के मुताबिक, मोनोजित कराया पुलिस स्टेशन के पास भी किसी से मिलने के लिए गया था.”
पुलिस ने कहा कि इस अपराध को अंजाम देने के बाद मोनोजित की गतिविधियों से यह समझ आता है कि वह इस मामले में छिपाने और भागने में मदद लेने की कोशिश कर रहा था.
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