5 हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला, जिस पर मचा बवाल – India TV Hindi

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छवि स्रोत: फ़ाइल
5 हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज

भुवनेश्वर: ओडिशा के भुवनेश्वर में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन अब बड़ा विवाद बन गया है। 27 मार्च को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा का घेराव किया था, जिसके दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हो गई। इस घटना के बाद भुवनेश्वर कमिश्नरेट पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।

क्या है पूरा मामला?

कांग्रेस की एक बड़ी जनसभा के बाद कार्यकर्ता विधानसभा की ओर बढ़े। लोअर पीएमजी इलाके में प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया। पुलिस ने जब भीड़ को रोकने की कोशिश की, तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ हाथापाई हो गई। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।

इस हिंसक प्रदर्शन में कई पुलिसकर्मी और कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हुए । कैपिटल थाने में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भक्तचरण दास, विधायक दल के नेता रामचंद्र काड़म, विधायक तारा प्रसाद बाहिनीपति और रमेश चंद्र जेना समेत 8 विधायक, कुछ पूर्व विधायक और 5 हजार से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। इन पर दंगा फैलाने, कानून को हाथ में लेने जैसे 10 गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

इस उग्र प्रदर्शन का असर आम जनता पर भी पड़ा। ट्रैफिक प्रभावित हुआ, लोग डर के माहौल में फंसे रहे। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर शहर में कई जगह चेकिंग बढ़ा दी।

राहुल ने गुजरात में आज ही साधा था बीजेपी सरकार और RSS पर निशाना

आज गुजरात के अहमदाबाद में राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, ‘उनकी (आरएसएस) विचारधारा संविधान के खिलाफ है। वे लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। वे भारत की सभी संस्थाओं पर नियंत्रण करना चाहते हैं और देश का पैसा अंबानी-अडानी को सौंपना चाहते हैं।’ राहुल गांधी ने वक्फ विधेयक पर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था, ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान पर हमला है। हमारे दलित नेता टीका राम जूली के मंदिर जाने के बाद, भाजपा नेताओं ने मंदिर की सफाई करवाई। यह हमारा धर्म नहीं है।’ राहुल ने कहा था कि हमारी विचारधारा कहती है कि ये देश हर जात, धर्म और भाषा का है। इस देश की संस्थाएं किसी एक संगठन के नहीं हैं, ये कांग्रेस पार्टी के नहीं हैं। ये जनता के हैं इसलिए जनता का उन पर कंट्रोल होना चाहिए। यही लड़ाई चल रही है। (ओडिशा से शुभम कुमार की रिपोर्ट)

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