Waqf Amendment Act: वक्फ संशोधन एक्ट पर सुनवाई करते हुए सीजेआई खन्ना (cji sanjeev khanna) ने कहा, “हम दोनों पक्षों से दो पहलुओं पर विचार करने के लिए कहना चाहते हैं. पहला, क्या हमें इस पर विचार करना चाहिए या इसे हाई कोर्ट को सौंप देना चाहिए? दूसरा, संक्षेप में बताएं कि आप वास्तव में क्या आग्रह कर रहे हैं और क्या तर्क देना चाहते हैं?” उन्होंने कहा, “दूसरा बिंदु हमें पहले मुद्दे पर निर्णय लेने में कुछ हद तक मदद कर सकता है.”
Waqf Amendment Act: कपिल सिब्बल ने वक्फ पर सरकार से पूछा सवाल
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान सिब्बल ने वक्फ संशोधन अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि वह उस प्रावधान को चुनौती देते हैं जिसमें कहा गया है कि केवल मुसलमान ही वक्फ बना सकते हैं. सिब्बल ने प्रश्न किया कि सरकार कैसे कह सकती है कि केवल वे ही लोग वक्फ बना सकते हैं जो पिछले पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहे हैं? सिब्बल ने कहा, “कलेक्टर वह अधिकारी होता है जो यह तय करता है कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं. अगर कोई विवाद है, तो यह व्यक्ति सरकार का हिस्सा होता है और इस तरह वह अपने मामले में खुद ही जस्टिस होता है. यह अपने आप में असंवैधानिक है. इसमें यह भी कहा गया है कि जब तक अधिकारी ऐसा फैसला नहीं करता, तब तक संपत्ति वक्फ नहीं होगी.
Waqf Amendment Act: वक्फ के खिलाफ 72 याचिकों दायर की गई हैं
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी), जमीयत उलमा-ए-हिंद, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद की याचिकाओं सहित 72 याचिकाएं अधिनियम की वैधता को चुनौती देने के लिए दायर की गई हैं. जबकि केंद्र ने 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में एक ‘कैविएट’ दायर कर मामले में कोई भी आदेश पारित करने से पहले सुनवाई की अपील की थी.