कैथल सफाई घोटाले में 2 ठेकेदार गिरफ्तार: 88.19 लाख खाते में ट्रांसफर किए गए, को-ऑपरेटिव सोसाइटी के मालिक, जेल जा चुके 10 आरोपी – Kaithal News

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कैथल जिला परिषद में 7 करोड़ रुपए के सफाई घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। नरवाना के गांव बडनपुर से पकड़े गए आरोपी ठेकेदार कमलजीत और शेखर दी-कैथल सरस्वती को-ऑपरेटिव सोसाइटी के मालिक हैं। इनके खाते में

एसीबी की जांच में अब तक एसडीओ, जेई, लेखाकार समेत 10 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अधिकारियों ने करीब ढाई करोड़ रुपए की संपत्ति और 16 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं। ब्यूरो ने आठ आरोपियों के खिलाफ 50 हजार पन्नों का चालान कोर्ट में पेश किया है। बाकी फरार आरोपियों को पीओ घोषित करने की कार्रवाई चल रही है।

एंटी करप्शन ब्यूरो कार्यालय

विधायक के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुआ केस

मामला जनवरी 2021 का है, जब जिला परिषद को 31.64 करोड़ रुपए की ग्रांट मिली थी। इसमें से 15.82 करोड़ रुपए तालाबों की सफाई, पानी निकासी और गोबर गैस प्लांट जैसे कार्यों के लिए निर्धारित थे। आरोपियों ने 10 करोड़ में से केवल 3 करोड़ रुपए काम पर खर्च किए और 7 करोड़ का गबन कर लिया। स्थानीय पंचायतों की शिकायत पर तत्कालीन डीसी सुजान सिंह के संज्ञान में मामला आया। पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा और विधायक लीला राम के हस्तक्षेप के बाद 27 मई को एसीबी अंबाला में 15 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

घोटाले की जांच करते करते विजिलेंस अफसर

घोटाले की जांच करते करते विजिलेंस अफसर

इन आरोपियों के खिलाफ किया चालान पेश

एसीबी द्वारा घोटाले के 8 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान दिया गया है। इनमें पंचायती राज के तत्कालीन एसडीओ नवीन गोयत (जो अब रोहतक में एक्सईएन थे), पंचायती राज के जेई जसबीर सिंह, अकाउंटेंट कुलवंत सिंह के साथ पंचायती राज के ठेकेदार गांव फरियाबाद निवासी दिलबाग सिंह, गांव क़ुतुबपुर निवासी अभय संधू, ठेकेदार राजेश पूंडरी, पूंडरी निवासी ठेकेदार अनिल गर्ग सहित ठेकेदार रोहताश का नाम भी शामिल है।



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