प्रारंभिक उपचार के बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर चारों को रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया।
कोडरमा जिले के जयनगर थाना क्षेत्र के योगियातिल्हा गांव में जंगली मशरूम खाने से एक परिवार के चार सदस्य फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए। मंगलवार को मशरूम खाने के बाद रामनाथ गोस्वामी के परिवार की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी।
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सभी को तुरंत कोडरमा सदर अस्पताल ले जाया गया। प्रारंभिक उपचार के बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर चारों को रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया।
बीमार लोगों में 38 वर्षीय रामनाथ गोस्वामी, 22 वर्षीय प्रियंका देवी, 65 वर्षीय सरजू नाथ गोस्वामी और 25 वर्षीय सोनू कुमारी शामिल हैं।
जंगली मशरूम के कभी कभी जहरीला होने के कारण होती है ऐसी समस्याएं: डॉ रंजीत
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. रंजीत कुमार ने बताया कि योगियाटिल्हा से एक ही परिवार के चार लोग जंगली मशरूम खाने के बाद बीमार अवस्था में सदर अस्पताल आए थे। जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जंगल से मशरूम चुनकर लाए थे और उसे पकाकर खाने के बाद उन्हें शारीरिक परेशानियां शुरू हो गई थी।
डा. रंजीत ने बताया कि बरसात का मौसम फूड प्वाइजनिंग का समय होता है। इस मौसम में लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। जंगल में पाया जाने वाला मशरूम जिसे लोग खुखड़ी भी कहते है, उसका उत्सर्जन कैसे हुआ, उसपर किस प्रकार के कीट बैठे, इसकी जानकारी किसी को नहीं होती। ऐसे में जहरीले कीटाणु के मशरूम के संपर्क में आ जाने से वह भी जहरीला बन जाता है। उन्होंने बताया कि खासकर बरसात के मौसम में ज्यादा कीटाणु जन्म लेते हैं।ऐसे में खाने-पीने की चीजों को ढक कर रखे और स्वच्छता का ज्यादा ख्याल रखते हुए खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए।