अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से अमेरिका के अलग होने संबंधी एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए है। शासकीय आदेश के मुताबिक फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए एजेंसी को भविष्य में सहायता राशि जारी करने पर भी रोक लगा दी गई है। ट्रंप ने अपने प्रशासन को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) में उसकी भागीदारी की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है।
शासकीय आदेश में क्या कहा गया?
शासकीय आदेश में कहा गया, ‘‘अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भविष्य के वैश्विक संघर्षों को रोकने और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की स्थापना में मदद की थी। लेकिन संयुक्त राष्ट्र की कुछ एजेंसियां और इकाई इस मिशन से भटक गए हैं और इसके बजाय अमेरिका के हितों के विपरीत कार्य कर हमारे सहयोगियों को निशाना बना रहे हैं और यहूदी-विरोधी प्रचार कर रहे हैं।’’
नए सिरे से समीक्षा की कही गई बात
कार्यपालिका आदेश में कहा गया है कि 2018 की तरह अमेरिका इन संस्थानों और संयुक्त राष्ट्र के तीन संगठनों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का पुनर्मूल्यांकन करेगा जिनकी नए सिरे से समीक्षा की जानी चाहिए। इनमें यूएनएचआरसी, यूनेस्को और फलस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और बचाव एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) का नाम शामिल हैं। इजरायल और अमेरिका ने मानवाधिकार परिषद पर इजरायल को गलत तरीके से निशाना बनाने और बदनाम करने का आरोप लगाया है।
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अमेरिका और इजरायल ने 2019 में यूनेस्को से खुद को अलग कर लिया था और इजरायल ने एजेंसी की आलोचना करते हुए कहा था कि यह उसके देश की सीमाओं के भीतर यहूदी इतिहास को ‘खत्म’ कर रही है। शासकीय आदेश में कहा गया, ‘‘यह आदेश अमेरिका को यूएनआरडब्ल्यूए को कोई भी सहायता राशि जारी करने के लिए प्रतिबंधित करता है जिसने खुद को लगातार यहूदी विरोधी और इजरायल विरोधी के तौर पर प्रदर्शित किया गया है।’’ (भाषा)
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